बुधवार, 6 अगस्त 2008

मैंने सिगरेट पीना छोड़ दिया है……वाकई

पता नही इस बार शाहरुख़ खान अपना सिगरेट छोड़ने का वायदा निभा पायेंगे या नही. पर उनके इस प्रण का आम जनता पर मिला जुला असर हुआ है.
एक आई. टी. मैनेजर के अनुसार धूम्र पान की लत तो आसानी से पड़ जाती है पर उसे छोड़ना कठिन होता है.
टेलिकॉम कंपनी में काम करने वाले एक उच्च पदाधिकारी के अनुसार (जो स्वयं एक धूम्र पान प्रेमी हैं) इस लात को छोड़ देना वास्तव में एक अच्छी बात है. पर उनके अनुसार जहाँ तक शाह रुख खान की बात है, उनकी प्रतिज्ञां केवल तोड़ने के लिए ही करी जाती हैं. अभी यह कहना मुश्किल होगा की वो वास्तव में इस बुरी आदत पर काबू पा सकेंगे या नही.
एक व्यवसाई के अनुसार धूम्र पान छोड़ने में केवल पक्के इरादे की ही आवश्यकता नही होती, वरन उसे छोड़ने पर जिन शारीरिक कष्टों का सामना करना पड़ता है वो भी विचारणीय है. शाहरुख़ खान के पास तो इससे निपटने के लिए डाक्टरों की पूरी टीम है, पर आम जनता के लिए यह सुविधा उपलब्ध नही है. फिर भी धूम्र पान छोड़ने का इरादा एक सराहनीय प्रयास है, विशेष कर जब यह प्रतिज्ञा एक फ़िल्म स्टार के द्वारा की गई हो तो उसका असर उनके प्रशंसको पर अवश्य पड़ेगा.
अप्रत्यक्ष धूम्र पान करने वाले भी शाहरुख़ के ‘धूम्र पान छोडो ‘ प्रतिज्ञा से प्रसन्न हैं.
एक धूम्र पान निषेध केन्द्र के संस्थापक के अनुसार, शाहरुख़ खान के प्रशंसक उनके इस प्रयास से अवश्य लाभ उठाएंगे , यदि शाहरुख़ अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहे. पर यदि वे आम जनता की कसौटी पर खरे नही उतरते, और सिगरेट पीना नही छोड़ते तो समाज के युवा वर्ग के लिए यह एक गलत संकेत होगा.

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